Last Updated on January 17, 2021, 6:10 PM by team
नई दिल्ली. देश-दुनिया में आज यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति (makar sankranti 2021) का त्योहार पूरी आस्था और हर्षोल्लास के बीच मनाया जा रहा है. इसे खिचड़ाई (makar sankranti) के नाम से भी जानते हैं. इस दिन गंगा में स्नान करके सूर्य की उपासना करते हैं और दान-दक्षिणा करते हैं. लेकिन एक और चीज है जो इस त्योहार को खास बनाती है. यह है पतंगबाजी. मकर संक्रांति के दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग जमकर पतंगबाजी (makar sankranti Kite) करते हैं. घरों की छतों पर साउंड सिस्टम लगाकर पूरा परिवार एकत्र होकर इसका आनंद लेता है. लेकिन क्या आप जानते हैं देश में एक ऐसा भी एक्ट है, जिसके तहत एक खास स्थान पर पतंगबाजी (Kite) करना अपराध है. जी हां, देश के निषिद्ध स्थानों में पतंगबाजी करना आपको महंगा पड़ सकता है.
लेना होता है लाइसेंस
निषिद्ध स्थान या प्रतिबंधित क्षेत्रों में पतंगबाजी करने से रोकने के लिए देश में एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 (Aircraft Act 1934) लागू है. इसके तहत अगर कोई व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र में पतंगबाजी करना चाहता है तो उसे इसके लिए पहले लाइसेंस के तौर पर अनुमति लेनी होगी. एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 में इस बात का उल्लेख है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में पतंग भी एयरक्राफ्ट की श्रेणी के अंतर्गत आती है.
क्या कहता है एयरक्राफ्ट एक्ट 1934
एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के अंतर्गत पतंग को भी खतरा बताते हुए इस एयरक्राफ्ट की श्रेणी में रखा गया है. एक्ट में उल्लेख है, ‘एयरक्राफ्ट का मतलब है, ऐसी कोई भी मशीन जो हवा की प्रतिक्रिया से वायुमंडल में उड़ रही है (पृथ्वी की सतह के खिलाफ हवा की प्रतिक्रिया के इतर). इसमें बैलून या गुब्बारे शामिल हैं, चाहे वो स्थिर हों या अस्थिर. इसमें एयरशिप, पतंग, ग्लाइडर और अन्य फ्लाइंग मशीन भी शामिल हैं.’ मतलब साफ है निषिद्ध स्थानों पर पतंग को भी एक खतरे के रूप में माना गया है.
10 लाख रुपये जुर्माना और 2 साल की जेल
एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 में सरकार ने हाल ही में संशोधन किया है. लेकिन इसमें पतंगबाजी से संबंधित प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस एक्ट के अंतर्गत बिना लाइसेंस के ऊंचाई पर या बड़ी पतंग उड़ाते पकड़े जाने पर 10 लाख रुपये रुपये तक के जर्माने का प्रावधान है. साथ ही दो साल तक की सजा का भी प्रावधान किया गया है.